मिट्टी नहीं, अब पानी में तैयार होंगी सब्जियां हीदरोफोनिक फ़ार्मिंग इसमें किसी तरह के कीटनाशक या खाद डालने की जरूरत नहीं होती। इन्हें घर के अंदर एक कोने या टैरेस पर उगा सकते हैं। खास बात यह है कि इस विधि से सब्जियों को किसी तरह की बीमारी नहीं लगती है। जमीन के मुकाबले इसकी पैदावार कई गुना अधिक रहती है। कमरतोड़ मेहनत की भी जरूरत नहीं है। बागवानी एवं उद्यानिकी विवि नौणी सोलन और कृषि केंद्र इस विधि के प्रति किसानों को जागरूक कर रहे हैं। हाइड्रो पोनिक विधि पर काम करने वाले वैज्ञानिक अनु बुटानी के मुताबिक इस विधि पर कई सफल शोध किए जा चुके हैं। किसान ही नहीं, शहरों में बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं। उत्तर भारत में इस विधि का प्रचलन बढ़ रहा है। नौणी विवि के निदेशक विस्तार एवं प्रचार डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि हॉइड्रो पोनिक विधि से बड़े पैमाने पर खेती करना थोड़ा मुश्किल है। शहरों और जहां जमीन कम है, वहां इस विधि को अपना सकते हैं। यह है हाइड्रो पोनिक विधि पानी का मिश्रण बनाने के लिए जैविक न्यूट्रियंट्स डाले जाते हैं। सब्जियों को इससे तेरह तरह के पो...
HRDROPHONIC FARMING DEGETAL FARMIN TECHNOLOGY AND GREENERY....