आज की इस पोस्ट में जानेंगे हाइड्रोपोनिक खेती में यूज होने वाले अत्याधुनिक औजारों के बारे में
हाइड्रोपोनिक खेती एक विज्ञानिक दन, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बाजारी फलों और सब्जियों की उत्पादन में उपयोग होती है।
हाइड्रोपोनिक खेती एक विज्ञानिक तथा सूचना-पूर्ण खेती पद्धति है, जिसमें पौधों को मिनरल पानी में पोषित किया जाता है, बिना मिट्टी के। यह खेती पद्धति अनुसंधान, औद्योगिक उत्पादन, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बाजारी फलों और सब्जियों की उत्पादन में उपयोग होती है। यहां हाइड्रोपोनिक खेती के कुछ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई है: नींबूआमण्ड तंतु (pH) का संतुलन: हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पानी का pH संतुलन महत्वपूर्ण है। पानी का pH स्तर 5.8 से 6.3 के बीच रखना उचित होता है ताकि पौधों को सही पोषण मिल सके। नियमित जलस्राव: हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को नियमित रूप से पानी की आपूर्ति करना जरूरी है। इसमें समुचित सिराम से पानी पहुंचाने के लिए टाइमर और पंप का उपयोग किया जाता है। उपयुक्त तापमान और आपदा प्रबंधन: अच्छे उच्चतम और न्यूनतम तापमान को बनाए रखने के लिए हाइड्रोपोनिक सिस्टम में सही तापमान बनाए रखना महत्वपूर्ण है। साथ ही, किसी भी आपदा से निपटने की क्षमता रखना भी आवश्यक है। पौधों का सही चयन: हाइड्रोपोनिक सिस्टम में उपयुक्त पौधों का चयन करना अहम है। अनाज की बुआई से पहले पौधों को अच्छे से उगाया जाता ...
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