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हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग -hydrophonic farming traning

  हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग  कोई भी बिना ट्रेनिंग या बिना किसी के सिखाए कोई चीज नहीं सीख पाता है। अगर आप ट्रेनिंग नहीं लेंगे तो आप बिजनेस के शुरुआत में ही कई गलतियां कर देंगे और जिससे आपको काफी पैसों का नुकसान भी हो सकता है। ट्रेनिंग के दौरान आप बहुत कुछ सीखते है जैसे कि ph को कैसे नियंत्रित करना होता है, कैसे पोषक तत्व घोलने है आदि जैसे कई सारी चीज़े होती है। हाइड्रोपोनिक खेती अन्य खेती के मुकाबले काफी अलग होती है और इस खेती की काफी सारी बाते और प्रैक्टिकल ज्ञान आपको ट्रेनिंग के बाद ही पता चल पाता है। भारत में  हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग  देने के लिए अलग अलग हिस्सों में काफी सारे टर्निंग सेंटर मौजूद है।  अगर आपको पाने आसपास हाइड्रोपोनिक फॉर्म ढूंढना है और उस फॉर्म पर जाकर देखना है तो आप अपना गूगल मैप खोले और उसमे हाइड्रोपोनिक फॉर्म सर्च करे आपको अपने आसपास कई सारे फॉर्म मिल जाएंगे और उन फॉर्म के फोन नंबर मिल सकते है, तो इस तरीके से आप उनसे बातचीत कर सकते है। महाराष्ट्र में हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग – हाइड्रोपोनिक फार्मिंग ट्रेनिंग सेंटर – नरायानगांव,...

hydroponic farming information हाइड्रोफोनिक फ़ार्मिंग माहिती

हाइड्रोपोनिक मूल बातें   –      हाइड्रोपोनिक फार्मिंग के लिए आपको जगह की जरूरत पड़ती है यह जगह आपकी छत पर भी हो सकती है या फिर आपके खेत या प्लॉट में भी हो सकती है जगह आप अपने अनुसार निर्धारित कर सकते हैं कि आपको कितना बड़ा फार्म लगाना है।   उसके बाद आपको उस जगह को कवर करना होता है जैसे कि आप फोटो में देख सकते हैं। इस तरीके की फार्मिंग के लिए आपको हमेशा पानी की जरूरत नहीं होती आप फ्रेश पानी का थोड़ा बहुत भंडार अपने फार्म पर रख सकते हैं। इसमें वहीं पानी बार-बार पौधों की जड़ों के नीचे से घूमता रहता है। पानी में घोलने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है क्योंकि पौधे सिर्फ पानी की वजह से ही जिंदा नहीं रह सकते उन्हें कुछ पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है जोकि सामान्यतः पौधों मिट्टी से लेते हैं क्योंकि इसमें मिट्टी नहीं होती सिर्फ पानी होता है तो वह सारे पोषक तत्व आपको अलग से पानी में घोलने होते हैं और वही बार-बार पौधों की जड़ों के नीचे से घूमते रहते हैं। इसमें एक मोटर की भी जरूरत होती है जो पानी को प्रेशर देती है जिससे वह पानी पौधों की जड़ों के नीचे से ब...

Hydroponic रिटेल स्टोर information हाइड्रोपोनिक सिस्टम

  Hydroponic रिटेल स्टोर – Hydoponic एक प्रकार की खेती होती है जिसमें बिना मिट्टी के सभी और फल उगाए जाते है। जिसकी बहुत डीमाड है आजकी दुनिया मे हर कोई नैच्रल चीज खान चाहता है  आजकल hydroponic फार्मिंग का काफी बोलबाला है और इसकी मांग मार्केट में बढ़ती ही जा रही है। बहुत से लोग अपने घरों और खेतों में इसका प्लांट लगा रहे है। ऐसे में जब लोग इसका प्लांट लगते है तो उनको इस प्लांट में लगने वाला उचित सामान भी चाहिए होता है।  तो आप लोगो को इसका सामान उपलब्ध करा सकते है और इसके लिए आप अपना एक रिटेल स्टोर खोल सकते है। हाइड्रोपोनिक रिटेल स्टोर के लिए बाजार में स्कोप हाइड्रोपोनिक रिटेल स्टोर खोलना बहुत लाभदायक व्यापार है। आज मार्केट में इसकी बहुत अधिक डिमांड है। यह व्यापार की सबसे बड़ी खास बात है कि मार्केट में आज इस व्यापार को बांटने वाली अन्य ज्यादा कंपनियां नहीं है। इसलिए बिजनेस के लिए इसमें बहुत सारे नए-नए अवसर जुड़े हुए हैं। जिससे लोगों को अधिक काम मिल सके हाइड्रोपोनिक्स का मुख्य लाभ व्यक्तियों को यह होता है कि इसके द्वारा जो भी उत्पादक हैं, उनको अच्छी उपज की फसल के साथ पर्यावरण ...

hydroponics market in india हयडरोफोनिक मार्केट इन इंडिया

मार्केट – hydrophonic   सब्जी की जरूरत हर दिन हर घर को पड़ती है। तो सब्जी बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती है।    सब्जियों की सप्लाई आप अपने नजदीकी रेस्टोरेंट में कर सकते हैं या फिर नजदीकी मंडी में भी भेज सकते हैं। इस प्रकार के बिजनेस में आप सब्जी की अपनी खुद की ब्रांड भी बना सकते हैं जिससे सब्जी को आप अपने फार्म पर ही स्टोर बनाकर लोगों को सीधा बेच सकते हैं जिससे आपको काफी ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। अगर आप शहर में रहते हैं तो आप अपने घर में या फिर घर की छत पर इस बिजनेस को करके अपनी खुद की कॉलोनी में सब्जी की सप्लाई कर सकते हैं ताकि लोगों को सब्जी लाने के लिए मंडी ना जाना पड़े।    हाइड्रोपोनिक फॉर्म में आप साल के 12 महीने खेती कर सकते हैं जिससे कि आपको साल भर मुनाफा मिलता रहता है।   इसमें बाहर का मौसम कोई मायने नहीं रहता चाहे मौसम कैसा भी हो आप की फसल जरूर उगती है। एक बार जब आप  हाइड्रोपोनिक फार्मिंग  करने लगते हैं और आपका फार्म बड़ा हो जाता है तब आप ना सिर्फ सब्जियां भेज कर मुनाफा कमाते हैं बल्कि आप दूसरों को ट्रेनिंग भी दे सकते ...

बिना मिट्टी के सब्जी उगाने का तरीका hydro phonic farming bina mitti ke sabjiya kese uagaye

मिट्टी नहीं, अब पानी में तैयार होंगी सब्जियां हीदरोफोनिक फ़ार्मिंग  इसमें किसी तरह के कीटनाशक या खाद डालने की जरूरत नहीं होती। इन्हें घर के अंदर एक कोने या टैरेस पर उगा सकते हैं। खास बात यह है कि इस विधि से सब्जियों को किसी तरह की बीमारी नहीं लगती है। जमीन के मुकाबले इसकी पैदावार कई गुना अधिक रहती है।   कमरतोड़ मेहनत की भी जरूरत नहीं है। बागवानी एवं उद्यानिकी विवि नौणी सोलन और कृषि केंद्र इस विधि के प्रति किसानों को जागरूक कर रहे हैं। हाइड्रो पोनिक विधि पर काम करने वाले वैज्ञानिक अनु बुटानी के मुताबिक इस विधि पर कई सफल शोध किए जा चुके हैं। किसान ही नहीं, शहरों में बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग भी इसका फायदा उठा सकते हैं। उत्तर भारत में इस विधि का प्रचलन बढ़ रहा है। नौणी विवि के निदेशक विस्तार एवं प्रचार डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने बताया कि हॉइड्रो पोनिक विधि से बड़े पैमाने पर खेती करना थोड़ा मुश्किल है। शहरों और जहां जमीन कम है, वहां इस विधि को अपना सकते हैं। यह है हाइड्रो पोनिक विधि पानी का मिश्रण बनाने के लिए जैविक न्यूट्रियंट्स डाले जाते हैं। सब्जियों को इससे तेरह तरह के पो...

hydroponic farming in hindi घर पर हाइड्रोपोनिक खेती

हाइड्रोपोनिक्स खेती  खेती में आजकल नयी तकनीक के साथ ही अब यह आसान हो गया है. अब इसमें पहले की पारंपरिक खेती की तरह मिट्टी, ढेर सारा पानी और जमीन की जरूरत नहीं पड़ती है. कृषि क्षेत्र में नयी तकनीकों के समावेश ने खेती को इतना आसान बना दिया है कि अब आप इसे घर की छत से लेकर अपने छोटे से आंगन में लगा सकते है, इसी तरह की एक तकनीक है हाइड्रोपोनिक्स फार्मिंग. इस खेती में मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है. इस तकनीक से खेती करके किसान मोटी कमाई कर सकते हैं. हाइड्रोपोनिक या मिट्टी के बगैर खेती की ये तकनीक आज से नहीं, बल्कि सैकड़ों सालों से अपनाई जाती रही. ग्रीन एंड वाइब्रेट वेबसाइट के मुताबिक 600 ईसा पूर्व भी बेबीलोन में हैंगिंग गार्डन (Hanging Gardens of Babylon) मिलते थे, जिसमें मिट्टी के बिना ही पौधे लगाए जाते थे. 1200 सदी के अंत में मार्को पोलो ने चीन की यात्रा के दौरान वहां पानी में होने वाली खेती देखी, जो इसका बेस्ट उदाहरण हैं. बिना मिट्टी के थोड़ी सी जगह में तेजी से खेती करने का ये एक बढ़िया तरीका है, जिसमें पानी की जरूरत भी तकनीक की मदद लेने पर कम हो जाती है. हालांकि शुरुआत में इसपर खर्च ...